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22 Dec 2023

यूपी बोर्ड ने सुधरवाए 10,000 से ज्यादा परीक्षार्थियों के विवरण

यूपी बोर्ड : 10846 विद्यार्थियों ने परीक्षा फार्म में कराया संशोधन, हाईस्कूल में 5002 और इंटरमीडिएट में 5844 ने कराया संशोधन


प्रयागराज। यूपी बोर्ड में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा 2024 में शामिल होने वाले कुल 10846 परीक्षार्थियों ने लिंग और विषय कोड में संशोधन कराया है। बोर्ड की तरफ से प्रयागराज, बरेली, मेरठ, वाराणसी और गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिये सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऑफलाइन आवेदन संशोधन के लिए 20 दिसंबर तक मांगे गए थे।


बोर्ड को दसवीं में 5002 और इंटरमीडिएट में 5844 आवेदन मिले थे। दसवीं के लिंग कोड के लिए 3610 परीक्षार्थियों ने, विषय कोड के लिए 1392 ने संशोधन के लिए आवेदन किया। वहीं, इंटरमीडिएट में विषय कोड के लिए 4524 और लिंग कोड के लिए 1320 परीक्षार्थियों ने विवरण बदलाव कराया है। क्षेत्रीय कार्यालयों से डीआईओएस कार्यालय और स्कूलों को फोन करके परीक्षार्थियों के विवरण में संशोधन के प्रकरण मांगे गए थे। 


इससे पहले बोर्ड की तरफ से तीन बार मौका दिया जा चुका है। उसके बाद भी प्रधानाचार्य परीक्षार्थियों के संशोधन में करने की मांग कर रहे थे। गौरतलब है कि पूर्व के वर्षों में विषय और लिंग कोड में गड़बड़ी के मामले सामने आने के बाद बोर्ड को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लिंग कोड गलत होने से कई छात्राओं के सेंटर बदल जाते थे।



यूपी बोर्ड ने सुधरवाए 10,000 से ज्यादा परीक्षार्थियों के विवरण

• परीक्षा फार्म में गलत भरे गए थे विषय, जेंडर, दिव्यांग कोड

• क्षेत्रीय कार्यालयों ने आवेदन लेकर पूरी कराई संशोधन प्रक्रिया


प्रयागराज : यूपी बोर्ड वर्ष 2024 की बोर्ड परीक्षा बिना किसी व्यवधान के संपन्न कराने के लिए छोटी- छोटी त्रुटियां पहले ही ठीक कराने में जुटा है, ताकि परीक्षा के दौरान असहज स्थिति न बनने पाए। इसके लिए हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों के आवेदन में विषय कोड, जेंडर कोड, दिव्यांग कोड सही कराने, गलती से निरस्त हो गए आवेदनों को क्रियाशील कराने के साथ धुंधली फोटो को भी ठीक कराने के चार मौके दिए। चौथे मौके में तय तिथि 20 दिसंबर तक आए 10,000 से ज्यादा आवेदन पत्रों के आधार पर क्षेत्रीय कार्यालयों ने संशोधन कराए। 



परीक्षा के आवेदन पत्र में जेंडर कोड में बालक का कोड गलती से बालिका दर्ज होने पर केंद्र स्वकेंद्र हो जाता है, जबकि बालिका का कोड बालक दर्ज होने पर केंद्र दूसरे विद्यालय में आवंटित हो जाता है। 

इससे परीक्षा के दौरान असहज स्थिति होती है। ऐसे में दिव्यांग कोड में गलती होने से दिव्यांग परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। विषय कोड में गड़बड़ी से प्रश्नपत्र को लेकर दिक्कतें आती हैं। इसी तरह फोटो में गड़बड़ी होने से साल्वर के पहुंचने की आशंका रहती है। 


पिछली परीक्षाओं के दौरान आईं इस तरह की त्रुटियों को देखकर यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत ने इसे पहले ही दूर करने के मौके दिए। सचिव के निर्देश पर क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों ने जिला विदयालय निरीक्षकों से बात करके तथा क्षेत्रीय कार्यालयों में कमेटी बनाकर विद्यालयों को फोन कराकर आवेदन मंगाकर त्रुटियां ठीक कराईं। 


प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव का कार्य देख रहे उप सचिव दीप चंद्र ने परिक्षेत्र के 23 जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों से वर्चुअल बात की, कार्यालय में बनाई गई टीमों ने प्रधानाचार्यों को फोन कराकर त्रुटियां सुधरवाने के प्रयास किए। इस तरह क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली और मेरठ को मिलाकर विषय कोड और जेंडर कोड में त्रुटि के कुल 10,846 संशोधन कराए गए। इसमें हाईस्कूल में विषय कोड के 3610, जेंडर कोड के 1392 तथा इंटरमीडिएट में विषय कोड के 4524, जेंडर कोड के 1320 संशोधन कराए गए।




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