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22 Aug 2020
नई शिक्षा नीति: एक विवि में नहीं होंगे 300 से अधिक कॉलेज, देश के 17 विश्वविद्यालयों से 500 या इससे अधिक कॉलेज संबद्ध
नई दिल्ली : उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता देने की मुहिम अब और तेज होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे लेकर काम भी शुरू कर दिया है। संबद्ध कॉलेजों को इस मुहिम में फिलहाल सबसे ऊपर रखा गया है। जिन्हें एक चरणबद्ध तरीके से स्वायत्तता दी जाएगी। पहले चरण में विश्वविद्यालयों से कॉलेजों की संबद्धता को धीरे-धीरे खत्म किया जाएगा। इसके तहत अब विश्वविद्यालय से सिर्फ तीन सौ कॉलेज ही संबद्ध हो सकेंगे। मौजूदा समय में बड़ी संख्या में ऐसे भी विश्वविद्यालय हैं जिनसे करीब सात सौ कॉलेज संबद्ध हैं। देश में फिलहाल 40 हजार से ज्यादा कॉलेज हैं।
यूजीसी ने यह पहल नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालयों से कॉलेजों की संबद्धता पर उठाए गए सवालों के बाद की है। नीति में अगले 15 साल में संबद्धता की पूरी प्रणाली को खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि इसे एक चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का सुझाव दिया गया है। इसके तहत विश्वविद्यालयों को जबावदेही देने का भी प्रस्ताव किया गया है ताकि वे संबद्ध कॉलेजों को अकादमिक, प्रशासनिक, पाठयक्रम संबंधी मामलों में न्यूनतम मापदंड, वित्तीय मजबूती, शिक्षण और मूल्यांकन आदि मापदंड पर तैयार कर सकें। कॉलेजों के लिए इन मापदंडों को पूरा करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि स्वायत्तता के लिए ये आवश्यक हैं।
देश के 17 विश्वविद्यालयों से 500 या इससे अधिक कॉलेज संबद्ध
’छत्रपति साहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय से 1,276 कॉलेज संबद्ध थे और करीब 15 लाख छात्र अध्ययनरत
’राजस्थान विश्वविद्यालय से 792 कॉलेज संबद्ध थे
’गुलबर्गा विश्वविद्यालय में कुल 345 कॉलेज थे, जिसे दो भागों में बांटा गया। एक हिस्से में 200 और दूसरे में 145 कॉलेज संबद्ध रहे।
’>>अगले 15 साल में चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह खत्म होगी संबद्धता प्रणाली
’>>संबद्ध कॉलेजों को स्वायत्तता मानदंडों के अनुरूप तैयार करेंगे विवि
नैक रैंकिंग पर मिलती है स्वायत्तता
मौजूदा समय में किसी भी संस्थान को स्वायत्तता उसकी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की रैकिंग के आधार पर प्रदान की जाती है। यह रैंकिंग संस्थान की अकादमिक, प्रशासनिक, वित्तीय मजबूती और शिक्षण आदि क्षमता के आकलन के आधार पर प्रदान की जाती है।
स्वायत्तता का अर्थ कुछ भी करने की आजादी नहीं
स्वायत्तता को लेकर तेज हुई मुहिम में मंत्रलय ने यह भी साफ किया है कि इस स्वायत्तता का मतलब कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि नियमों के दायरे में रहकर ही काम करना होगा। मंत्रलय के मुताबिक, पिछले कुछ साल में करीब आठ हजार कॉलेजों को स्वायत्तता दी गई है। बाकी कॉलेजों को भी स्वायत्तता देने के लिए वह चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे।
संबद्धता से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता संस्थान
विश्वविद्यालय से तीन सौ कॉलेजों को ही संबद्ध करने के पीछे उद्देश्य यह है कि विश्वविद्यालय इतने कॉलेजों को सक्षम बनाने में आसानी से मार्गदर्शन कर सकेंगे। मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि संबद्धता से कोई भी संस्थान अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता और न ही गुणवत्ता पर उसका कोई ध्यान रहता है।
यूजीसी के मुताबिक देश में विश्वविद्यालयों की संख्या
’राज्य विश्वविद्यालय - 412
’डीम्ड विश्वविद्यालय - 124
’केंद्रीय विश्वविद्यालय - 53
’निजी विश्वविद्यालय - 361
’कुल विश्वविद्यालय - 950
’देश में कुल कॉलेज -39,931
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